
पंजाब पुलिस ने शनिवार को जालंधर में हुए एक घातक पीछा करते हुए सेपरेटिस्ट नेता और वारिस पंजाब डी चीफ अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। दिनभर होने वाली चेस के दौरान, अमृतपाल के कुछ सहयोगी मेहतपुर में गिरफ्तार किए गए थे जबकि अन्य खुद की गाड़ी में भाग निकलने में सफल हुए थे। इस घातक पीछे की बहस सेवा में स्ट्रीम करते हुए हुई थी। अमृतपाल सिंह को सेपरेटिस्ट नेता, खालिस्तानी संवेदनापूर्ण संगठन और रेडिकल प्रीचर के रूप में लोगों की नजर में आ गया है।
अमृतपाल सिंह के बारे में जानने के लिए आपको इसके बारे में सब कुछ बताने की जरूरत है। उनका जन्म 1993 में अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में हुआ था। वे दुबई में उनके चाचा की ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करने के लिए 2012 में भारत छोड़ गए थे।
अमृतपाल को सिर्फ छह महीने पहले ही अपनाया गया था, जब उन्हें डीप सिद्धू द्वारा स्थापित संगठन ‘वारिस पंजाब डी’ का मुख्य नेता बनाया गया था। अमृतपाल और उनके समर्थकों का दावा है कि सिद्धू, जो फरवरी 2022 में सड़क दुर्घटना में मर गए थे, को ‘राज्य’ द्वारा हत्या की गई थी। अमृतपाल ने कभी भी सिद्धू से नहीं मिला था, लेकिन उनकी ऑनलाइन बातचीतों में उनसे भारी असर पड़ा था।
अमृतपाल ने किसान आंदोलन के दौरान गणतंत्र दिवस पर रेड फॉर्ट प्रदर्शनों के लिए बड़े समर्थन का दिया था। उन्होंने हाल ही में भारत में वापस आने पर ‘एजेंसियों’ द्वारा कुछ समय तक पूछताछ की गई थी। इसे ‘घुलामी’ का एक संकेत मानते हुए वो कहते हैं कि देश में होने वाला सिख युवा पूछताछ के लिए कुछ नहीं कर सकता है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, अमृतपाल सिंह यूके होम इस्तेमाल करने वाली किरणदीप कौर से शादीशुदा हैं। उनके खिलाफ तीन मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें से दो नफ़रत के भाषण से संबंधित हैं और एक पकड़ो।
दिसंबर 2022 में, जब वे वारिस पंजाब डी के मुख्य नेता बने थे, तो उनके समर्थकों ने बिहारीपुरा में एक गुरुद्वारे पर हमला किया और फिर 13 दिसंबर को जालंधर में एक और गुरुद्वारे पर हमला किया। वे यह दावा करते हैं कि दो गुरुद्वारों पर जाने से अधिक पूजा करने से गुरु ग्रंथ साहिब के स्तर पर बैठकर पूजा नहीं करनी चाहिए।
फरवरी 2023 में, एक आदमी ने अजनाला पुलिस थाने में अपने दोस्त से रद्दीवार कराया और यह कहा कि वो उसके समर्थकों द्वारा हमला किया गया था। अमृतपाल सिंह और उनके साथी छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। पुलिस ने उनके करीबी सहयोगी लवप्रीत सिंह टूफान को गिरफ्तार किया।
गिरफ़्तारी के बाद, अमृतपाल सिंह ने पंजाब पुलिस को मामला वापस लेने का आख़िरी शोरगुल किया था और जब पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया तो उनके समर्थक पुलिस बैरिकेड़ों के बीच फँट कर पुलिस कम्प्लेक्स में घुस गए