
आखिरी दिन पर हो रही अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का समर्थन किया और उन्होंने उनके स्वतंत्रता दिवस भाषण में दिए गए पांच प्राण मंत्र को विद्वानों ने बड़े लोकप्रिय होने वाली घोषणा मानी।
2019 के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से निर्देश देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश को 2027 तक लड़ाई लड़ने के लिए पांच प्रतिज्ञाएं करने के लिए कहा है। ये प्रतिज्ञाएं भारत के विकास के लक्ष्य, कोलोनियल मानसिकता के कोई भी संस्कार नहीं, हमारी जड़ों में गर्व करना और नागरिकों में एकता और कर्तव्य की भावना शामिल हैं।
RSS ने अपने रिज़ॉल्यूशन में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को समर्थन देते हुए कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में समकक्ष उभरा है।
नए संविधान बनाने की प्रक्रिया में हमें स्वयं को एक थोड़ी बढ़े हुए प्रश्नों वाली सोच की आवश्यकता है। समाज के सभी वर्गों की मूल जरूरतों के पूरे होने, पूर्णांकित विकास के अवसर और जुड़वाड़े आधारित नई मॉडल बनाने के लिए भारतीय आधुनिकता की अवधारणा पर आधारित नई प्रणालियों को तैयार करने की आवश्यकता होती है।
एबीपीएस के ऐतिहासिक सत्र पे एक प्रस्ताव लोगों को आग्रह करता है कि वे सब शक्तियों को अपनाएं जो भारत को एक मजबूत, सम्पन्न राष्ट्र बनाने में समर्थ हों, ताकि भारत वैश्विक मंच पर अपनी उचित जगह हासिल कर सके जो वैश्विक शांति, सार्वभौमिक भाईचारे और मानव कल्याण को समर्पित हो।