
वाशिंगटन: यूएस सीनेट द्वारा इकेलोता नामांकित करार मिलने के बाद, भारत के लिए यूनाइटेड स्टेट्स के दूत के रूप में पूर्व लॉस एंजिल्स मेयर और राष्ट्रपति जो बाइडेन के करीबी साथी इरिक गार्सेटी की नामांकन प्रक्रिया को दो साल के लंबे समय बाद अंतिम रूप दिया गया। इस नियुक्ति के पीछे शिकायत उठाई गई थी कि धोखाधड़ी से कार्यस्थल हारसमेंट शिकायतों को हाथ में लेने में इरिक गार्सेटी ने बखूबी से नाकामी का सामना किया था।
चुनाव के अंतिम मत में, जिसमें कुछ डेमोक्रेट भी चुनाव में भाग नहीं लेते, साथ ही तीन डेमोक्रेट उनके विरुद्ध वोट दिए। ऐसे में बचाव के लिए रिपब्लिकन सेनेटर्स (GOP) कि सहयोग को प्राप्त हुआ था। आश्चर्यजनक होते हुए, सत्ताधारी डेमोक्रेट सीनेटर और उनके समर्थनकर्ताओं ने पूर्व लॉस एंजिल्स मेयर की यात्रा के लिए भारत जाने के बाद संयुक्त राज्य मन्त्री चक शुमर को उनका धन्यवाद दिया।
भारत के समर्थन के विकास के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के सदस्यों के बीच तनाव डालने वाली चीन के खिलाफ जाति-क्वैड पर दाब डालना बहुत आवश्यक है, इसके लिए भारत में एक दूत बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी उनके कुछ नीतियों से सहमत नहीं हैं जो वह मेयर बने थे, लेकिन मुझे लगता है कि वह स्वभाव से बहुत अच्छा अंदाजा है और मैं उनको एक अच्छा दूत मानता हूं।’’ उन्होंने कहा कि शिकायतों के बारे में, ‘‘उन्होंने मेरे सवालों का उत्तर ठीक तरह से दिया।’’
तो दो साल बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक देशविद दूत तैयार है। भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक मुल्क और एक अहम यूएस व्यापारी संबंध है, साथ ही चीन के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए ठोस रूप से अमेरिका की मदद की तलाश में है। जबकि जो बाइडेन ने भारत के साथ तालमेल को मजबुत बनाने को अपनी भारत यात्रा के पहले बढ़चढ़ के झटकों में जाहिर किया है। इस नियुक्ति की प्रस्तावना जुलाई, 2021 में की गई थी, लेकिन इसकी पुष्टि लैना धोखाधड़ी और संशोधन के आरोपों की वजह से विलंबित हो गई थी। कुछ अभियुक्तों ने लापरवाही का आरोप लगाया था जो गार्सेटी ने अस्वीकार कर दिया था।