
1980 का दशक एक ऐसा दौर था जबकि फिल्मों में वास्तविक सुपर स्टार होते थे। आज के दौर के नायक उनके आगे शायद कुछ भी नही है। आइये, आज बात करेंगे फ़िल्म ” कच्चे धागे ” की। इस फ़िल्म को ” राज खोसला ” ने निर्देशित किया था। इस फ़िल्म के हीरो विनोद खन्ना थे तथा कबीर बेदी भी मुख्य भूमिका में थे। आइये, आज इस फ़िल्म की बात करेंगे।
मेरी आँखों मे देख तुझे लाखन की मौत नजर आएगी
फ़िल्म एक बदले की कहानी है जिसमे बेटा अपने बाप की मौत का बदला लेता है विनोद खन्ना अपने बाप का तथा कबीर बेदी भी अपने बाप की मौत का बदला लेता है। खास बात फ़िल्म का वह डायलॉग है जिसके कारण फ़िल्म को लेकर हम आज भी बात कर रहे है। इस फ़िल्म मेंबकबीर बेदी यानी लाखन पंडित होता हैं तथा रूपा मतलब किरदार निभा रहे विनोद खन्ना की माता निरूपा राय को धमकाते हुए कहता है कि

मेरी आँखों मे देख तुझे लाखन की मौत नजर आएगी। फ़िल्म ” कच्चे धागे “
मैं गंगा घाट का ब्राह्मण नही हूँ मैंने चंबल का पानी पिया हैं
वास्तव में यह फ़िल्म एक सुपर फ़िल्म है। इसका हर डायलॉग यादगार है। कबीर बेदी ने बाप-बेटे दोनों का किरदार निभाया है। ऊपरोक्त डायलॉग बहुत बाते बतलाता है कि ब्राह्मण जब गङ्गा का पानी पीकर बात करता है तो वह कुछ और होता है लेकिन जब वह चम्बल का पानी पी लेता है तो उसके तेवर अलग होते हैं।

वो अपने बाप का बदला ले चुका है, मुझे लेना है।
ये बात बिल्कुल ठीक लगती है कि बदला लेना इंसानी जिंदगी में लाजिमी है। फ़िल्म में जब विनोद खन्ना यानी लाखन अपने बाप की मौत का बदला ले सकता है तो आप कबीर बेदी को भी उसके बाप के कातिल यानी रूपा को कैसे रोक सकेंगे। लेकिन उससे पहले आप लाखन की माँ का यह डायलॉग जरूर सुनिए।
अगर तुझे अपनी जान प्यारी है तो लाखन के रास्ते मे कभी मत आना
निरूपा राय ने अपने अभिनय का डंका कई फिल्मों में मनवाया है लेकिन कच्चे धागे में उनका अभिनय कमाल का था। उनका उपरोक्त डायलॉग बहुत से भी अधिक पर्याप्त है। अब मुझे लगता है कि आपको फ़िल्म का लिंकः भेज दु ताकि आप खुद आनंद ले सकें।