
रांची: पिछले हफ्ते भाजपा ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें ऐसा संदिग्ध दिख रहा था कि कानूनी जांच के बाद सरकारी फाइलें IAS अधिकारी राजीव अरुण एक्का के कार्यालय में हैं। उसके बाद अब ED ने इस मामले में आरोपित IAS अधिकारी राजीव अरुण एक्का को गिरफ्तारी के लिए समन भेजा है। राजीव अरुण एक्का पूर्व राज्य गृह सचिव भी हैं।
ED ने एक्का से संबंधित MNREGA धन के दुरुपयोगों के आरोपों पर जांच की घोषणा की है। संदिग्ध विशाल चौधरी अभी जेल में बंद हैं। जेडएस अधिकारी पूजा सिंघल संदिग्ध के साथ जुड़ी हुई हैं।
हालांकि, राज्य सरकार ने राजीव अरुण एक्का के खिलाफ एक सदस्य न्यायिक आयोग का गठन करने का निर्णय लिया है। न्यायिक आयोग उपलब्ध प्रमाण और न्यायप्रिय जांच के बाद, मामले का निष्पक्ष रिपोर्ट जमा करेगा। यह न्यायिक आयोग केवल एक सदस्य का होगा।
यह समय बदल रहा है। इस संसद सत्र के बाद होगी उस जाँच से सम्बंधित छूट, जिसे ED ने आरोपित राजीव अरुण एक्का के खिलाफ शुरू किया है। राज्य सरकार इस मुद्दे को सार्वजनिक महत्त्व वाला मानती है और इसमें नि:शक्ति जांच की मांग कर भी रही है। भाजपा ने राजीव अरुण एक्का के विरुद्ध FIR की मांग की है और चरित्र ध्वस्त करने के लिए उसके निलंबन की मांग की है। उसने गवर्नर सीपी राधाकृष्णन के सहयोग की मांग भी की है।
अभी कैद में संदिग्ध विशाल चौधरी के घर में हुए छापेमारी में सीधे यह साबित हुआ था कि राजीव अरुण एक्का का उघाटन उससे जोड़े हुए हैं और उसे अपना बना रखा गया है।