
नई दिल्ली: श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ़्तार करने के लिए पाकिस्तान पुलिस और अन्य एजेंसियों द्वारा एक बड़ी ऑपरेशन को रोकने के लिए लाहौर उच्च न्यायालय ने बुधवार को आदेश जारी किया। टोशाखाना मामले में चल रही गिरफ़्तारी के आदेश का सामना कर रहे इमरान खान के समर्थकों को अपने समकक्ष पुलिस बल से सामना करना पड़ा। अपहरण न हो सकने के कारण उन्हें सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गिरफ़्तार नहीं किया जा सका। उच्च न्यायालय ने 16 मार्च तक कोई फ़िलहाल कार्यवाही नहीं लेने का आदेश जारी किया है।
इमरान खान ने Toshakhana केस में गिरफ़्तारी से कई बार असमर्थता का अभियान चलाया है, जो इस मामले के खिलाफ नॉन-बेलेबल गिरफ़्तारी वारंट जारी होने का कारण बना है। इमरान खान को Toshakhana से मिले उपहारों के बारे में जानकारी छुपाने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने उन तीन घड़ियों को बेचकर $36 मिलियन कमाए थे।
इमरान खान ने कहा कि उन्हें किसी भी आगामी चुनाव में लड़ने से रोकने और अपहरण और हत्या करने का एक धारणा है। यदि वह अपराधी साबित होते हैं, तो वह सार्वजनिक पदों पर नहीं रह सकते हैं, जो कि नवंबर में निर्धारित राष्ट्रीय चुनाव के लिए एक असफलता होगी।