
भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन के पहले सप्ताह में होने वाले इसमें शामिल होने के लिए पाकिस्तान के गृह मंत्रियों, रक्षा मंत्रियों और NSAs की एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है। संचार मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सुश्री शेहबाज शरीफ को आमंत्रित किए जाएंगे। संघ मंत्रियों, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और उनके चीनी विपक्षी नेता शी जिनपिंग की उपस्थिति संभव है। हालांकि, आमंत्रण, केवल एससीओ चार्टर के अनुसार हैं और जुल्माबद्ध रिश्ते के साथ कुछ नहीं हैं।
जैसा कि आधिकारिक स्रोतों ने कहा, एससीओ के तहत आने वाली भरमार परिचालित कार्यक्रम दोनों देशों के बीच रिश्तों में एक उपाय खोजने का एक अवसर प्रदान कर सकती है। हालांकि, अभी तक कुछ आधिकारिक प्रस्ताव नहीं हैं।
भारत और पाकिस्तान ने 2015 में विस्तृत द्विपक्षीय संवाद प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन पठानकोट एयरबेस आतंकवादी हमले के कारण वह बट गया था। ताज्जुब के तहत, भारत ने आतंकवाद उन्मूलन कार्यक्रमों के लिए पाकिस्तान को नहीं आमंत्रित किया ही है बल्कि इस समान कार्यक्रम के लिए पाकिस्तान में भी प्रतिनिधित्व भेजा है।
आधिकारिक संधर्भों के अनुसार, किसी भी पाकिस्तानी नेता के साथ दोस्ताना बैठक का कोई प्रस्ताव नहीं है। वह क्या होगा, अंततः यह भी पाकिस्तान के आमंत्रणों का जवाब करने के साथ, और सुरक्षा-अभियुक्त यूरेशियन समूह के सभी सदस्य राज्यों के साथ क्या होता है, जो एक शांत, स्थिर और आर्थिक रूप से समृद्ध आतंकवाद और धर्मांतरण से रहित अफगानिस्तान सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुटो ने अब तक Goa में होने वाली एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में अपनी भागीदारी की पुष्टि नहीं की है। उनमें उनकी भागीदारी के लिए एक छोटे से मंत्री हिना रब्बानी खर को भेजा जाएगा। टीवी में इस्लामाबाद में हुई लोकतंत्र के समर्थन रैली को अपनाते हुए, भारत ने अपने एससीओ प्रतिबद्धता को द्विपक्षीय रिश्तों से अलग ही रखने की कोशिश की है। भारत आज भी पाकिस्तान को आतंकवाद का उपन्यास मानता है किंतु सरकार ने केवल आतंकवाद के खिलाफ काउंटर टेररिज्म अभ्यास के लिए पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया ही है बल्कि एससीओ के तहत उसी तरह के अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए प्रतिनिधि भेजे हैं।