
तवांग सेक्टर के यांगत्से में भारत-चीन के सैनिकों के बीच भिड़ंत होने की जानकारी सामने आई है। सूत्रों के अनुसार 9 दिसंबर को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के सैनिक आमने- सामने हो गए। चीनी सेना के लगभग 600 सैनिक यांगत्से में जमा थे। चीन के सैनिक तारबंदी की नीयत से यहां आए थे। भारतीय सैनिकों ने इसका विरोध किया। चीन के सैनिकों ने वायर कटर और लोहे के अन्य औजारों से हमला किया।
सेना की ओर से आधिकारिक तौर इतना ही कहा गया है झड़प के बाद इलाके में शांति बहाल कर दी गई है। तेजपुर स्थित सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने विवादित क्षेत्र में घुसने की चीन की कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दिया।
समाचारों के अनुसार (सोशल मीडिया व ट्विटर के अनुसार) 10 से 15 भारतीय सैनिक मामूली रूप से जख्मी हुए जबकि चीन के 50 से अधिक सैनिक गंभीर घायल होकर लौटे। कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग के बाद दोनों सेनाएं पीछे हटीं।
गत वर्ष भी ऐसा हो चुका है।
पिछले साल अक्टूबर में चीन की सेना (पीएलए) ने तवांग के यांगत्से में घुसपैठ की कोशिश की थी। यांगत्से के भारतीय क्षेत्र में घुसी चीनी सेना की पैट्रोलिंग पार्टी को पकड़ लिया था। दोनों देशों की फ्लैग मीटिंग के बाद भारत ने चीनी सैनिकों को छोड़ा था।
चीन अक्साई चीन के मुद्दे पर भारत पर दबाए बनाए रखना चाहता है और इसके चलते ही वह अरुणाचल को दक्षिण भूटान का हिस्सा बताते हुए इस तरह की हरकतें करता रहता है।
सूत्रों का कहना है कि झड़प के बाद भारतीय सैन्य कमांडर ने पीएलए कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग कर शांति बहाली के प्रयास किए हैं। फ्लैग मीटिंग के बाद दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई।
फ्लैग मीटिंग क्या होती है?
” फ्लैग मीटिंग मूल रूप से एक बैठक है जो सीमा पर या नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों के कमांडरों द्वारा आयोजित की जाती है। छोटे मुद्दों पर ब्रिगेडियर स्तर पर एक फ्लैग मीटिंग आयोजित की जा सकती है, बड़े संदर्भ में, यह भी आयोजित की जा सकती है।” सामान्य स्तर पर इस मामले में यह ब्रिगेडियर स्तर पर है।
दोनों पक्ष के इलाके के दोनों कमांडर अपने-अपने एस्कॉर्ट्स के साथ सीमा के करीब आ जाते हैं. एक व्यक्ति शांति ध्वज धारण करता है। इसके बाद एक टेबल बिछाई जाती है और दोनों कमांडर टेबल के सामने बैठते हैं और स्थिति पर चर्चा करते हैं।यह एक सम्मेलन की तरह है और संघर्ष समाधान के उद्देश्य से मौजूदा स्थिति पर चर्चा की जाती है। दोनों पक्ष इस मुद्दे पर चर्चा करते हैं और संघर्ष को हल करने के प्रयास करते हैं।
तवांग सेक्टर कहा हैं?
अरुणाचल प्रदेश का तवांग करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये जगह सेना के लिए रणनीतिक रूप से खास महत्व की है। यही वजह है कि चीन इस पर कब्जा जमाना चाहता है।
