
प्रायः सामान्य वार्ता में खाना खाने के सम्बंध में कोई कहता है कि मैने आज चपाती ली। कोई कहता है कि मैने आज भोजन में 2 रोटी ली तथा कोई कहता है कि मैने फुल्के खाये। आप क्या जीमते हो? रोटी, फुल्का और चपाती ये तीनों गेंहूँ के आटे से बनी अलग चीजें हैं. लेकिन 99 प्रतिशत लोग इन्हें एक ही चीज समझने की गलती कर बैठते हैं। कई बार लोग चपाती बनाना चाहते हैं, लेकिन रोटी बना लेते हैं. आज के बाद आपको इन तीनों के बीच का अंतर समझ आ जाएगा. इसके बाद खाते ही आप बता पाएंगे कि आपने रोटी, चपाती या फुल्का खाया है। मेरा मतलब है कि आप क्या खाते हो ?
- रोटी ?
- फुलका ?
- चपाती ?
सामन्यतः तीनो को लोग समानार्थी यानी एक ही समझते है। लेकिन हमारे राजस्थान के जोधपुर जिले के व्यजनों के शौकीन यानी फूड एक्सपर्ट इन तीनों को एक नही समझते है बल्कि तीनो में बड़ा अंतर बताते है। आइये, हम भी तीनों में अंतर को पहले समझते है व उसके बाद डिसाइड करते है कि हमारी रसोई में क्या बनती है ? रोटी, चपाती या फुलका।
इस चटपटे आलेख को पढ़ने के बाद आप भी मां जाएंगे कि रोटी, चपाती व फुल्के में बड़ा अंतर है। इज़के बाद कभी आप रोटी का आनंद लेंगे तो कभी फुलका बनाएंगे तो कभी – कभी चपाती से अपनी थाली में मुलाकात करेंगे।
पहले आप जानकारी प्राप्त कर लीजिए। इनके बाद हमे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं कि-
आज आपने क्या खाया ? “रोटी, चपाती या फुल्का”

भारत में चावल और रोटी लगभग हर घर में खाई जाती है । गर्मागर्म नर्म रोटियां खाने में जितना मजा आता है, उतना आनंद शायद ही नान या पराठे खाने में आता है !
रोटी किसे कहते है ?

सबसे पहले आपको बताते हैं रोटी के बारे में । जिसे आप तवे पर बनाती है और वो अपने आप फूल जाती है, उसे रोटी कहते हैं. ये पलटते हुए ही तवे पर फूलती है.
रोटी की दो लेयर आसानी से अलग हो जाती है. ये ज्यादातर थोड़ी मोटी होती है। इसको बनाते समय रसोई के कपड़े से तवे रोटी को पर हल्का सा थपथपाने पर ही ये फूल जाती है।
रोटी को प्रायः बेलन की सहायता से बनाया जाता है। इसको बनाने के लिए आटे को गूंथकर उसकी छोटी- छोटी लोई बनाकर उसे बेलन की सहायता से बनाया जाता है।
चपाती किसे कहते है ?
अब बारी आती है चपाती को समझने की । जब तवे पर बनाई रोटी फूलती नहीं है, तब वो चपाती कहलाती है. चपाती में दो लेयर को अलग नहीं किया जा सकता । चपाती को प्रायः बेलन से नही बनाकर आटे की लोई को हाथों से बनाया जाता है। इसमें आटे की लोई को हल्के हल्के हाथों से चपत।लगा कर बनाया जाता है।
ज्यादातर शुरुआत में रोटी बनाते हुए लोग चपाती बना डालते हैं. उस समय रोटी को फूलाने का तरीका पता नहीं होता और बन जाती है चपाती ।
फुल्के किसे कहते है ?

सबसे आखिर में आते हैं फुल्के। रोटियों को जहां तवे फुलाया जाता है वहीं फुल्के को तवे से उतार कर जबरदस्ती फ्लेम पर फुलाते हैं. यानी गैस की फ्लेम या कोयले की फ्लेम पर डायरेक्ट रखकर फुलाई रोटी बन जाती है फुल्का। ये खाने में बेहद नर्म होते हैं और रोटी के मुकाबले पतले होते हैं । एक परात में आटा, नमक और तेल डाल कर मिला ले अब इस में थोडा थोडा पानी डाल कर सकत आटा गुन ले और उसके छोटी छोटी लोहिया बनाये। इसके बाद इसे आधा आप तवे पर सेक ले उसके बाद इसे आप सिगड़ी, चूल्हे की फ्लेम पर सेक लीजिए।
तो बताइए जनाब ? आपके यहाँ रोज क्या बनता है?
सामान्य रूप से रोटी, हाथ से बेलने पर चपाती व चूल्हे की फ्लेम पर बनाते है फुलके।