बजट 2020-21 : शिक्षा क्षेत्र हेतु नए प्रावधान व पूर्ण तथ्यात्मक समीक्षा।
बजट 2020-21 : शिक्षा क्षेत्र हेतु नए प्रावधान व पूर्ण तथ्यात्मक समीक्षा।
बजट क्या है?
अर्थशास्त्री विलने की एक अच्छी परिभाषा है कि – ”बजट, अनुमानित आय तथा व्यय का विवरण, आय एवं व्यय का तुलनात्मक चित्र और इन सबके ऊपर यह राजस्व एकत्र करने तथा सार्वजनिक धन खर्च करने के लिए सक्षम प्राधिकारी को दिया हुआ प्राधिकार तथा निर्देश है ।”
उपरोक्तानुसार बजट से तातपर्य आगामी वित्तीय वर्ष के संदर्भ में सरकार की अनुमानित प्राप्तियों (राजस्व या आय) और व्यय का विवरण है अर्थात् बजट विधायिका को प्रस्तुत और विधायिका द्वारा स्वीकृत सरकार का वित्तीय दस्तावेज होता है।
इस दृष्टि से हम वित्तमंत्री सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2020-21 को समझने का प्रयास करेंगे –
किसी भी राष्ट्र के विकास हेतु बजट के सबसे महत्वपूर्ण विषय शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पेयजल, सड़क, सुरक्षा व आर्थिक विकास दर होता है अतः सबसे पहले हम यह समझेंगे की शिक्षा हेतु अब क्या नया होने वाला है-
शिक्षा क्षेत्र हेतु बजटीय व्यवस्था
1986 के बाद अब 34 साल के बाद नई शिक्षा नीति आने वाली है। इस नई शिक्षा नीति पर पिछले 2 वर्षों से अनेक स्तरों पर वार्ता हुई है,शिक्षा नीति का ड्राफ्ट भी आ चुका है, इस नई शिक्षा नीति पर पक्ष व विपक्ष में अनेक तर्क हो चुके है लेकिन अभी तक इसकी घोषणा या इसको लागू करने के लिए ठोस वित्तिय प्रावधान सामने नही आये है।
इस बजट में भी इस सम्बंध में कुछ बाते कही गई है। सबसे पहले तो यह कहा गया है कि यह शीघ्र आएगी व इसको लागू करने के लिए एफडीआई (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) आएगा। देश मे विदेशी विद्यार्थियों को अध्ययन हेतु सुविधाएं मिलेंगी। देश के प्रमुख 100 शैक्षिक संस्थान डिग्री स्तर के ऑनलाइन कोर्स आरम्भ करेंगे। हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज होगा जो कि जिला अस्पताल से सम्बंधित होगा। अराजपत्रित कार्मिको की भर्ती हेतु राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी बनेगी। रेल यूनिवर्सिटी की तर्ज पर राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय व राष्ट्रीय फोरेंसिक विश्विद्यालय की स्थापना होगी।
इस बजट में 993 अरब रुपये (₹99,300 करोड़) शिक्षा हेतु रखे गए है जो कि एक बड़ी राशि है व पिछले वर्ष से 4447 करोड़ ज्यादा है। शिक्षा पर बड़ा निवेश आशा जगा रहा है कि अब देश मे ही कम व्यय में अंतरराष्ट्रीय स्तर की शैक्षिक सुविधाओं की प्राप्ति सम्भव हो सकेगी। ऑनलाइन एजुकेशन का कार्य देश के 100 टॉप रेंकड संस्थानो को दिया जाना है। हम उम्मीद कर सकते है कि ऑनलाइन एजुकेशन से युवाओं को पढ़ने के लिए अच्छा विकल्प मिल सकता है और वे अपने कैरियर के साथ एजुकेशन को मेन्टेन कर सकेंगे। इस बजट में शिक्षा क्षेत्र में कीमतें अप्रभावित रहने वाली है क्योंकि शिक्षा से सम्बंधित कोई वस्तु ना तो महंगी होने वाली है व सस्ती भी होने वाली नही है।
केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण के अनुसार अधिक फंड की आवश्यकता है जिसकी पूर्ति विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, विदेशी वाणिज्यिक ऋणों, कार्मिक आउटसोर्सिंग इत्यादि से की जानी है। टॉप 100 रेंकड संस्थान अब वंचित वर्ग हेतु ऑनलाइन डिग्री कोर्सेज आरम्भ कर सकेंगे व 150 संस्थान अप्रेंटिस ट्रेनिंग शुरू कर सकेंगे।
बजट में राजस्थान हेतु व्यवस्था
राजस्थान को कोई अलग से या विशेष पैकेज शिक्षा क्षेत्र हेतु नहीं दिया गया है लेकिन शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल रूप से अधिक विनियोग के चलते अब अधिक राशि अलॉटमेंट की संभावना दिख रही है अतः राजस्थान के स्कूलों को यू-डाइस प्लस पोर्टल पर समयानुसार डाटा फीडिंग, समयानुसार सूचना प्रेषण व ऑनलाइन डिमांड रखने में तीव्रता रखनी होगी। राजस्थान की अपनी विषम भौगोलिक परिस्थितियों, सामाजिक परम्पराओं, स्थानीय विशिष्ट समस्याओं आदि के कारण बालिका शिक्षा व कौशल विकास हेतु विशेष पैकेज अपेक्षित था।
टॉप 100 संस्थान द्वारा ऑनलाइन एजुकेशन
राष्ट्रीय संस्थानिक रैंकिंग 2018 में देश के टॉप 100 में से राजस्थान के 6 संस्थान यथा -बिट्स, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान, वनस्थली, सिंघानिया इत्यादि ही शामिल है। विस्तृत जानकारी आप निम्नलिखित लिंक से ले सकते है –
https://www.nirfindia.org/univ
इन टॉप संस्थानों की सहभागिता शिक्षा क्षेत्र में बढ़ना अब स्वाभाविक लग रहा हैं। ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में वर्तमान में विश्व के अन्य राष्ट्रों के संस्थान कार्य कर रहे है। इस ऑनलाइन एजुकेशन प्रोग्राम को क्रियान्वित होने व उपयोगिता सार्थक होने के लिए अभी लम्बा समय लगने की आशंका भी है।
बौद्धिक संपदा सृजन व सरंक्षण
हमारे देश मे “कॉपी पेस्ट” की बहुतायत व कमजोर कॉपीराइट व्यवस्था के कारण इस क्षेत्र में कठोरता व निवेश की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता लम्बे समय से प्रतीत हो रही थी। इस क्षेत्र में कार्य हेतु भारतनेट को 6,000 करोड़ देना एक अच्छा कदम है। इससे शिक्षा क्षेत्र में अनुसन्धान व गम्भीर लेखन के साथ ही शोध गुणवत्ता बढ़ने की उम्मीद जगी है।
कम्प्यूटर्स की तरफ बढ़ते कदम।
चीन का पिछले लंबे समय से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व क्वांटम टेक्नोलॉजी से फोकस बढ़ चुका है। इस वर्ष राष्ट्रीय क्वांटम टेक्नोलॉजी मिशन में 8 हजार खर्च प्रावधान, ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम, ऑनलाइन सामान्य पात्रता टेस्ट इत्यादि के चलते निश्चित रूप से कम्प्यूटर प्रयोग में आधिक्य सम्भावित है। अब यह भी आवश्यक लगने लगा है कि हम कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी का स्वदेशी विकास करके विदेशी निर्भरता को कम करें ताकि हम न्यूनतम लागत पर तीव्रगति से काम करने वाले स्वदेशी कम्प्यूटर मिल सके।
निजीकरण की तरफ बढ़ते कदम।
निश्चित रूप से शिक्षा पर एक लाख करोड़ रुपये का भारीभरकम निवेश सम्भावित है इसके बावजूद जब बात विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को प्राथमिकता की हो तो उसका असर तो अभिभावकों को ही उठाना पड़ेगा। आज भी भारत मे शिक्षा बहुत महंगी है व स्तरीय शिक्षा हेतु अभिभावकों को विदेशी यूनिवर्सिटीज की तरफ जाना पड़ रहा है। ऐसे में आने वाले समय मे विदेशी निवेश से भारतीय शिक्षा क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभावों व अवसरों का अग्रिम आकलन आसान नही है।
कुछ विशेष बाते-
एक तो उच्च शिक्षा पहले से महंगी है व और महंगी होने के आसार है। इसके अलावा नए टेक्स स्लैब को अपनाने वालो को उच्च शिक्षा हेतु लिए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज की राशि की कटौती भी खत्म हो जाएगी तथा लॉस कैरी फॉरवर्ड नही होगा।
समीक्षा–
शिक्षा हेतु बजट में करीबन 5 फीसदी इजाफा हुआ है। विद्यार्थियों हेतु शैक्षिक अवसरों में वृद्धि भी सम्भावित है। कौशल विकास की भी बात कही गई हैं। इन बातों के दूसरी तरफ शिक्षा नीति की पूर्ण घोषणा व ठोस वितीय प्रबन्धन अपेक्षित है। नई स्लैब में शिक्षा ऋण पर ब्याज छूट को हटाना प्रश्न खड़े करता है। ऑनलाइन शिक्षा की गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था भी गम्भीर प्रश्न है। विद्यार्थियों को विदेशी व्यवस्था खासकर फिनलैंड आधार पर अवसर देने की बात दिख रही है लेकिन अभी भी कम्प्यूटर शिक्षा हेतु संसाधनों के लिए स्वदेशी तकनीक बहुत जरूरी होती जा रही है।
भारत के विद्यार्थियों हेतु यह निश्चित निष्कर्ष है कि उनमें अकूत प्रतिभा है लेकिन उसके लिए शुद्ध भारतीय स्वदेशी संसाधनों से निर्मित भौतिक संसाधनों, कुछ क्षेत्रों हेतु आउटसोर्सिंग मानवीय संसाधनों व कठोर एवं दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।
बजट से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण बिंदु।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा 2020-21 के बजट की मुख्य बातें
1 दलितों व पिछड़ों (OBC) के लिए 85 हजार करोड़।
2 बुजुर्गों व दिव्यांगों के लिए 9500 करोड़।
3 पोषाहार योजना के लिए 35 हजार करोड़।
4 महिलाओं के लिए 28000 करोड़।
5 संस्कृति मंत्रालय के लिए 3150 करोड़।
6 टूरिज्म के लिए 2500 करोड़ का बजट।
7 भारत नेट कार्यक्रम के लिए 6 हजार करोड़।
8 1 लाख गांवों में फायबर से इंटरनेट कनेक्शन।
9 साफ हवा के लिए 6 हजार करोड़ का बजट।
10 कौशल विकास (स्किल इंडिया) के लिए 3 हजार करोड़।
12300 करोड़ का प्रस्ताव
11 06 लाख आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन।
12 तेजस की तर्ज पर चलेगी 150 ट्रेनें।
13 पर्यटन में भारत 65 मे 34 वें नम्बर पर आया।
14 5 ऐतिहासिक टूरिस्ट सेंटरों का विकास होगा।
15 बाल विवाह रोकने के लिए टास्क फोर्स बनेगी।
16 प्रदूषण फैलाने वाले थर्मल प्लांट बन्द होंगे।
17 स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या काफी बढ़ी।
18 10 में से 9 लड़कियां स्कूल पहुंची।
19 अहमदाबाद के लोथल में पोत म्यूजियम बनेगा।
20 10 लाख की आबादी वाले शहरों में हवा पर काम।
21 टेक्स चोरी करने वालीं के लिए कड़ा कानून
कानून।
22 कानून के तहत टेक्स चार्टर लाएंगे।
23 सरकारी नोकरी भर्ती के लिए एजेंसी की स्थापना।
24 नॉन गजेटेड पोस्ट के लिए NRA,
25 लद्दाख के विकास के लिए 5958 करोड़
26 बैंकों में पैसा फंसने पर गारंटी 1 लाख की बजाय 5 लाख।
27 जम्मू-कश्मीर विकास के लिए 30 हजार 757 करोड़।
28 सरकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए 3,5 लाख करोड़।
29 सरकार LIC की कुछ हिस्सेदारी IPO के जरिये बेचेगी।
30 IBD बैंक की भी हिस्सेदारी बेची जाएगी।
31 2020-21 की आर्थिक विकास दर का 10 प्रतिशत लक्ष्य।
32 5 लाख की आमदनी पर कोई टेक्स नही।
33 5 लाख से साढ़े सात लाख पर सिर्फ 10 प्रतिशत टैक्स।
34 साढ़े सात से 10 लाख की आय पर 15 प्रतिशत।
35 10 लाख से 12,5 लाख की आय पर 20 प्रतिशत टेक्स।
36 15 लाख से ऊपर आय पर 30 प्रतिशत टेक्स।
37 निवेश पर छूट ली तो पुरानी दरों से ही टेक्स लगेगा।
38 नई टेक्स व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक हैं।
38 इंफ्रा में निवेश करने वालों को 100 प्रतिशत टेक्स छूट।
40 नई कम्पनियों पर 15 प्रतिशत कॉरपरेट टेक्स।
41 कम्पनी एक्ट में बदलाव किया जाएगा।
42 बैंकिंग सिस्टम को आधुनिक बनाने पर जोर।
43 PPP मॉडल पर 5 नई स्मार्ट सिटी।
44 मिशन इंद्रधनुष में 12 नई बीमारियों को जोड़ा जाएगा।
45 27000 किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण होगा।
46 तीन साल में पुराने बिजली मीटर बदलेंगे।
47 राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता।
48 सागर मित्र योजना की शुरुआत होगी।
49 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि उड़ान शुरू होगी।
50 खेती-कृषि विकास के लिए 3 लाख करोड़ का प्रस्ताव
51 इंजीनियर के लिए एक साल इन्टरशिप का प्रस्ताव
52 हर घर नल से शुद्ध पानी देने का लक्ष्य।
53 भारत को ग्लोबल स्तर पर मैन्युफेक्चर हब बनाएंगे।