वृहद बाल सभा: राजस्थान सरकार का अभिनव प्रयोग।
सम्पूर्ण राजस्थान की 65,000 से अधिक राजकीय विद्यालयों ने आज एक अभिनव प्रयोग किया। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत एवं शिक्षा राज्य मंत्री के कुशल निर्देशन में आज बाल सभाओं कर माध्यम से हजारों विद्यालयों ने लाखों अभिभावकों से सम्पर्क किया।
इन बालसभाओं के माध्यम से शिक्षा व प्रशासन के अधिकारियों ने जनता के समक्ष राजकीय विद्यालयों में उपस्थित रहकर आमजन को राजकीय विद्यालयों में उपलब्ध सुविधाओं एवं राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त योजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की।
शिक्षा विभाग ने प्रवेशोत्सव अभियान के तहत इस द्वितीय चरण हेतु बहुत पहले से तैयारी कर ली थी। शिक्षा निदेशक श्री नथमल डिडेल के कुशल नेतृत्व में निरन्तर बैठकों,वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया गया एवं सम्भाग/जिला स्तरीय अधिकारियों ने प्रशासनिक अमले से सामंजस्य स्थापित करके इस वृहद बाल सभा कार्यक्रम का आयोजन किया।
इन वृहद बाल सभाओं में राजकीय स्कुलों में उपलब्ध श्रेष्ठ परिसर, स्टाफ सदस्यों एवं उत्तम संस्कारमय गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुविधाओं के अलावा ट्रांसपोर्ट वाउचर, निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों, कक्षा नवम की बालिकाओं हेतु साइकिल योजना,आदर्श व उत्कृष्ट विद्यालय, आईसीटी स्कूल, कम्प्यूटर शिक्षण, उत्कर्ष, खेल सुविधाओं पर बात की गई।
स्थानिय ग्रामीणों ने बड़े मनोयोग से इन योजनाओं पर ध्यान दिया एवं इंदिरा प्रियदर्शिनी योजना,गार्गी पुरुस्कार, बालिका प्रोत्साहन योजना, क्लिक योजना,छात्रवृत्ति प्रकारों, एकल पुत्री योजना, लेपटॉप योजना इत्यादि के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने के प्रयास किया।
आज राजस्थान पूरे देश मे एक ” एजुकेशनल हब” के रूप में विकसित हो रहा है। कभी शिक्षा क्षेत्र में पिछड़ा राजस्थान आज नेशनल रैंकिंग में सम्पूर्ण देश मे दूसरा स्थान रखता है । आज राजस्थान में हुआ शैक्षिक उन्नयन अन्य राज्यो हेतु एक नजीर बन गया है। बहुत से देश/प्रदेश राज्य के ” एजुकेशन मॉडल ऑफ राजस्थान” को समझने का प्रयास कर रहे है।
एसआईक्यूई व शाला दर्पण एक ऐसे प्रयास है जिन्हें शिक्षण जगत में “माइलस्टोन” कहा जा सकता है। इनके अलावा ज्ञान संकल्प पोर्टल, राजीव गांधी कॅरियर पोर्टल भी विशिष्ट प्रयास है। इन बालसभाओं मे इसकी जानकारी भी प्रदान की गई।
इन बालसभाओं के माध्यम से एसडीएमसी सदस्यों, जनप्रतिनिधियों, शासकीय अधिकारियों, स्थानीय कार्यकर्ताओं व अभिभावकों को राजकीय स्कूलों के बारे में जानने का एक सुअवसर मिला। राजकीय स्कुलों में अब एक आशा की नई लहर विकसित हो चुकी है जिसका असर नामाकन पर दिखेगा।
उपरोक्तानुसार गतिविधियों के अलावा आज कृतज्ञ राष्ट्र ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को स्मरण करने के पश्चात सर्व धर्म प्रार्थना के माध्यम से एक मजबूत राष्ट्र हेतु प्रार्थना भी की। ऐसे प्रयास बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।
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