साहसिक व कला फ़िल्म के नाम पर निर्देशक कुछ भी फ़िल्माने एवम लेखक लिखने हेतु फ्री हेंड है। हम जिस समाज मे रहते है हमे उसके स्थापित मूल्यों एवम अवधारणाओं का सम्मान करना चाहिए। "सत्य" की स्थापना के लिए "झूठ" का महिमा मंडन उचित नही।
फ़िल्म "मनमर्जियां" विक्की कौशल, अभिषेक बच्चन व तापसी पन्नू को लेकर अनुराग कश्यप का "लव ट्राइएंगल" जैसी फ़िल्म है लेकिन आप इसे "संगम" जैसी फ़िल्म नही मान सकते।
फ़िल्म में तापसी पन्नू की प्यार और शादी के बीच की भटकन को महाबल के निर्देशन में अनुराग कश्यप ने प्रस्तुत किया है। फ़िल्म को लिखने के लिए कुल चार लेखकों ने सेवाएं दी है।
फ़िल्म एक सोशल ड्रामा है जिसके अंत मे विवाह में दो व्यक्तियों के मध्य "पूर्ण ईमानदारी" को स्थापित करने का प्रयास किया गया है चाहे यह ईमानदारी दो गैर ईमानदार व्यक्तियों के मध्य क्यों नही हो।
फ़िल्म का सबसे सशक्त हिस्सा फ़िल्म में उच्च कोटि के अभिनय देखने को मिला हैं। तापसी पन्नू आज के दौर की सबसे दमदार अभिनेत्रियों में से एक है व अभिषेक बच्चन को ऐसी ही एक फ़िल्म चाहिए थी। अभिषेक ने कमाल का काम किया गया है, उनकी खामोशी विक्की कौशल के डीजे पर बहुत भारी पड़ी है।
फ़िल्म पंजाबी परिवेश पर है एवम रोमांस इसका आधार है अतः गुड़ पंजाबी संगीत आपको मिलता है लेकिन विक्की के डीजे का कोई दमदार गीत सिनेमाघरों के बाद याद नही रहता।
1. पहले पनीर कोफ्ता खिला मेनु फिर डाइवोर्स पक्का, ये खीरा खा के तो वकील तक को फोन ना करूँ।
2. तूने जो लड़ाकी कुड़ी लानी है तो पहले मुझे गुरुजी के आश्रम में छोड़ के आ।
3. जो लोग शर्म करते है वहीं लोग आगे जाके सोसाइड कर लेते है।
4. भगाने से काम कम्प्लीट नही होगा,निभानी पड़ती है।
5. प्यार खत्म नही हुआ, शादी शुरु हो गई।
6. जब तुम इसको इग्नोर नही कर सकती तो मैं भी उसको इग्नोर नही कर सकता।
7. अच्छे तो लगने लगे हो आप,प्यार भी हो जाएगा।
फ़िल्म में तापसी पन्नू ने जबरदस्त सलवार कुर्ते पहने है और उनकी ड्रेस सेंस कमाल है। अभिषेक को अब जबरदस्त भूमिकाओं के ऑफर आने सुनिश्चित है। फ़िल्म लीक से हटकर है।
फ़िल्म विषय बोल्ड व कुछ खुलापन है अतः फ़िल्म को फेमेली वाच में शुमार नही किया जा सकता। फ़िल्म अच्छे एक्टिंग एक्सपीरियंस को फील करने हेतु अवश्य देखे।