पार्ट-4
प्रशासनिक एवं वित्तीय दायित्वों के साथ-साथ संस्थाप्रधान समस्त शैक्षिक, भौतिक एवं सामुदायिक समुन्नयन, समुन्नति एवं योजनाबद्ध विकास के लिए उत्तरदायी होता है। अतः इस उत्तरदायित्व को निभाने के लिए विद्यालय,
वार्षिक योजना का निर्माण करना आवश्यक है।
1. योजना निर्माण संस्था की आवश्यकताओं एवं अपेक्षाओं के संन्दर्भ में सहयोगी अध्यापकों/कर्मचारियों, छात्रों/अभिभावकों में विचार-विमर्श एवं वस्तु स्थिति का अध्ययन के उपरान्त बनाई जाए।
2. योजना प्रत्येक क्षेत्र-शैक्षिक, सहशैक्षिक, भौतिक में से ली जाए। लक्ष्यों एवं मानक न्यूनतम अपेक्षाओं का स्थान निर्धारण हो । योग्यता एवं रूचि के अनुसार कार्य प्रभारी व्यक्ति/ समिति का चुनाव किया जाए।
3. योजना व्यावहारिक एवं उपलब्धि परक हो साथ ही मूल्यांकन विधि उसकी प्रक्रिया का स्पष्ट संकेत हो।
"संस्थाप्रधान कक्षा के द्वार" नामक नवाचार करते हुए परिवीक्षण का प्रारंभ बोर्ड कक्षाओं से किया जाए।
10 अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान , हिन्दी, संस्कृत
12 अंग्रेजी, हिन्दी, तीनों ऐच्छिक विषय (संकायवार)
अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर, नवम्बर, जनवरी, फरवरी
संस्था प्रधान अपनी वार्षिक योजना बनाकर प्रत्येक माह कक्षा में जाकर अध्यापन कार्य का परिवीक्षण करे तथा उसी दिन/अगले दिन उस कक्षा की गृह कार्य की कॉपियों को अपने पास मंगवा लें । संस्था प्रधान कक्षावार परिवीक्षण रजिस्टर तैयार कर कक्षा के प्रत्येक छात्र का अभिलेख रखें।
संस्था प्रधान छात्र की कॉपी में इन्डेक्स (अनुक्रमणिका) में कार्य कब दिया गया, कब जाँचा गया पर अपने हस्ताक्षर करें विषय अध्यापक को स्थिति से अवगत कराया जाए।
1. कार्य नहीं देने वाले शिक्षक/कार्य नहीं करने वाले छात्र/कार्य नहीं जाँचने वाले शिक्षक संस्थाप्रधान की निगाह में आएँगे।
2. छात्र/शिक्षक /अभिभावकों को पाबंद किया जाएगा।
3. समयबद्ध अध्यापक, जांच एवं गृह कार्य की पर्याप्तता बोर्ड परीक्षा परिणाम को निश्चित रूप में उन्नत करेगा।
(1) दैनन्दिनी संधारण (2) विषय समिति (3) पाठ्यक्रम विभाजन (4) आदर्श पाठ आयोजन (5) प्रभावी परिवीक्षण या कार्य सुधार (6) कक्षा कार्य सुधार (7) गृह कार्य सुधार (8) शिक्षण उपकरणों का प्रभावी उपयोग (9) निदान एवं उपचारात्मक शिक्षण (10) नामांकन वृद्धि एवं ठहराव (11) परीक्षा परिणाम उन्नयन (12) भित्ति पत्रिका
(1) प्रार्थना सभा प्रभावी आयोजन (2) पुस्तकालय एवं वाचनालय का प्रभावी उपयोग (3) सांस्कृतिक एवं साहित्यिक प्रवर्तियाँ
(4) समाजोपयोगी उत्पादक कार्य एवं समाज सेवा (5) शिक्षण उपकरणों का निर्माण (6) एन.एस.एस.एन.सी.सी. , स्काउटिंग, गाइडिग, पर्वतारोहण (7) सम्पूर्ण साक्षरता (8) शारीरिक एवं योग शिक्षा (6) बुक बैंक (10) खेल-कूद की नियमित व्यवस्था।
(1) विधालय भवन निर्माण (2) चार दीवारी निर्माण (3) प्रसाधन सुविधा (4) वृक्षारोपण (5) खेल मैदान निर्माण ( 6) शुद्ध पेयजल व्यवस्था (7) विधालय भवन की रंगाई-पुताई (8) फर्नीचर निर्माण
राष्टीय महत्त्व के कार्यक्रम भी योजना में सम्मिलित किये जाए।
1. संस्थाप्रधान विद्यालय उन्नयन बिन्दुओं की सूची आवश्यकता एवं प्राथमिकता के आधार पर तैयार करेंगे। यह सुनिश्चित् करेंगे कि विभिन्न क्षेत्र के प्रत्येक समुन्नयन बिन्दुओं को प्राथमिकता देनी है।
2. संस्थाप्रधान प्रत्येक समुन्नयन बिन्दु के (अ) कार्यक्रम प्रभारी (ब) समयावधि/स्थिति (स) कार्य पद का निश्चय करेंगे।
3. योजना के मुख्य पद/चरण/सोपान निम्न लिखित होंगे- (अ) कार्य का नाम (ब) प्रभारी तथा सहयोगी (स) वर्तमान स्थिति (द) आवश्यकता (य) उपलब्ध साधन (र) लक्ष्य (ल) अवधि (व) क्रियान्विति के चरण
संस्थाप्रधान को प्रत्येक तिमाही आंतरिक मूल्यांकन करना चाहिए।
संत्राक/अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन
विद्यालय. ...............सत्र......प्रेषण तिथि.........
5.5 योजना का प्रारूप
सामान्य परिचयात्मक सूचानाएँ
* विद्यालय का नाम, स्थान, स्थिति, जिला, आवागमन साधन ।
* संक्षिप्त इतिहास ।
* संस्थाप्रधान का नाम, योग्यता ।
* विद्यालय छात्र संख्या-कक्षा एवं वर्ग वार, अनु.जाति, अ.ज.जा., पिछड़ी जाति के अलग से दी जाए।
* विद्यालय परिवार-योग्यता, प्रशिक्षण सेवारत प्रशिक्षण ।
* विद्यालय भवन संबंधी सम्पूर्ण विवरण, साइज, संख्या ।
* खेल के मैदान-नाम, संख्या एवं अन्य जानकारी
* पुस्तकालय/वाचनालय की स्थिति ।
* परीक्षा परिणाम-कक्षा वर्ग, संकायवार ।
* सत्र में उपलब्ध कार्य दिवस (माह वार)
* विद्यालय के आर्थिक संसाधन-राजकीय, छात्रकोष, अन्य।
खण्ड-2
* क्षेत्र
* कार्यक्रम का नाम
* आवश्यकता
* महत्त्व
* वर्तमान स्थिति
* कार्य का लक्ष्य
* समय सीमा
* उपलब्ध साधन सुविधाएँ
(क) विद्यालय इतिहास/सामान्य परिचय। 05
2.)वर्तमान स्थिति। 15
3.) उद्देश्य/ लक्ष्य। 15
4.) क्रियान्विति के चरण।। 20
5.) मूल्यांकन। 15
6.) विशिष्ट योजना।। 10
7.) प्रस्तुतीकरण। 20
1. 75 से ऊपर। अ
2. 60 से ऊपर 75 से कम। ब
3. 50 से ऊपर 60 से कम स
4. 10 से 49 तक।। द
योजना बनाने के पश्चात् सत्र पर्यन्त प्रयास किए जाए तथा मूल्यांकन भी समय-समय पर किया जाता रहे | जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) को 15 मई तक प्रेषित करें |