होली : होली खेलने के बाद रंग कैसे हटाये।
होली का हुड़दंग : होली खेलने के बाद रंग कैसे हटाये।
होली का हुड़दंग अलसुबह से शुरू होकर देर दोपहर तक चलता है। होली की मस्ती जब शुरू होती है तो सब लोग विभिन्न रंगों में ऐसे सरोबार हो जाते है कि आईने में खुद को पहचानना भी एक चुनौती बन जाता है।

असली मशक्कत शुरू होती है जब बाथरूम में प्रवेश के साथ चेहरे, हथेलियों, हाथ-पैर से रंग हटाने का प्रयास शुरू होता है। आज के दौर में प्राकृतिक रंगों से कई अधिक रासायनिक रंगों का प्रयोग किया जाता है। ये रासायनिक रंग बहुत गहरे शरीर की त्वचा में चले जाते है व इनसे पीछा छुड़ाना बड़ा मुश्किल हो जाता है।
आज के कारोबारी युग मे होली खेलने के पश्चात भी हर आदमी होली के अगले दिन अपनी दुकान या ऑफिस में एकदम तरोताजा होकर जाना ही पसन्द करता है अतः हम आपको कुछ टिप्स दे रहे है जिनके इस्तेमाल से आप त्वचा पर लगे रंगों से पूरी तरह मुक्त होकर अपने आप को एकदम फ्रेश फील करेंगे।
होली खेलने से पहले।
आप सुबह होली खेलने से पहले चेहरे, गर्दन के पीछे, कमर, सीने व हाथ पैरों पर वैसलीन या किसी भी अच्छे तेल (नारियल या सरसो ) की हल्के हाथों से भली प्रकार से मालिश कर लीजिए। वैसलीन या तेल की मालिश के कारण त्वचा पर एक लेयर बन जाएगी तथा रोम छिद्रों में रंग के बारीक कण प्रवेश नही कर सकेंगे।
इसके अलावा आप नाखून व बालों की सुरक्षा हेतु नाखूनों पर कोई तेल लगा ले एवम बालो की ऑलिव ऑयल से हल्की मसाज कर लेवे। इन सबके अलावा आंखों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखने हेतु आप चश्मा जरूर पहन लीजिए।
होली खेलना आरम्भ करने से पूर्व आप अपनी रेगुलर चलने वाली दवाई हर हाल में लीजिए। हल्का नाश्ता , अंकुरित धान अथवा एक ग्लास जूस जरूर लीजिए।
होली खेलने के दौरान।
होली खेलने के दौरान आप बार-बार मुँह व हाथ-पैर नही धोए। बार बार चेहरा व हाथ-पैर धोने से चमड़ी सूखने लगती है अतः त्वचा से रंग निकालने की प्रक्रिया एक ही बार मे पूरी करना ठीक रहेगा।
होली खेलने के दौरान ब्रेक-टाइम में हल्का नाश्ता व गर्मागर्म चाय-कॉफी का आनंद लीजिए। हर प्रकार के नशे से पूर्ण परहेज रखे। होली खेलने के दौरान नशा करना रिस्क फेक्टर को कई गुणा बढ़ाता है।
होली खेलने के पश्चात।
होली खेलने के पश्चात आप एक बार सिर्फ पानी से चेहरा व हाथों पैरों को रगड़ रगड़ कर घोले। एक बार पानी के इस्तेमाल से बालों व त्वचा की ऊपरी परत का रंग व बालो में रुका हुआ सूखा रंग व गुलाल के कण स्वतः ही बाहर आ जाएंगे।
इसके पश्चात आप किसी भी “बेबी सोप” का इस्तेमाल करके चेहरा व हाथ-पैर साफ कर लीजिए। बेबी सोप में आयल की मात्रा ज्यादा होती है अतः त्वचा को नुकसान भी कम होता है।
यदि आपने जम कर होली खेली हो तथा सोप से भी चेहरे इत्यादि पर रंग लगा शेष रह जाये तो घरेलू “फेस पैक” बना लीजिए। इस प्रकार के फेस पैक आप केले (एक दो केलो में आधे निम्बू का रस मिलाकर), मुल्तानी मिट्टी (मुल्तानी मिट्टी में थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर), बेसन ( बेसन व दूध/दही समान मात्रा में) , जो ,शहद इत्यादि से घर पर ही बना सकते है। इन फेसपैक को त्वचा पर पन्द्रह-बीस मिनट लगा रहने दे तत्पश्चात इसके सूखने के बाद रगड़ कर इसे साफ कर लीजिए। ऐसा करने से त्वचा को जो नुकसान हुआ है उसकी भी पूर्ति हो जाएगी। त्वचा रंग मुक्त होकर दमकने लगेगी।
रंग ज्यादा पक्का है तो बेसन का पेस्ट, नींबू और दूध का पेस्ट बनाएं और चेहरे से लेकर गले तक में लगाएं। इसे सुखने दें। सूख जाने के बाद मसाज करें और धो लें। इससे कलर भी निकलेगा और चेहरे को नमी भी मिलेगी। इसके अलावा एक चम्मच शहद, आधा मैश किया केला बिल्कुल थोड़ा सा नमक स्क्रब से पहले डालें और इससे पूरे चेहरे की सफाई करें।
इन सबके अलावा आप दो चम्मच जिंक ऑक्साइड और दो चम्मच कैस्टर ऑयल को आपस मे मिलाकर इसका लेप चेहरे व हाथ-पैर पर करके इसे 20 मिनट सूखने दे तत्पश्चात इसको पानी के प्रयोग से धो लीजिए।
अमचूर को पानी मे घोलकर भी आप इस्तेमाल में ले सकते है।
अगर आप पर किसी ने वार्निश इत्यादि लगा दिया है तो आप साफ पानी मे फिटकरी डाल कर धीमे धीमे रगड़ कर उसे छुड़ा सकते है। इसके अलावा बहुत अधिक रंग या वार्निश को छुड़ाने के किये कॉटन कपड़े में मिट्टी के तेल को भिगोकर भी इस्तेमाल ले सकते है लेकिन इससे आंखों व अन्य इंद्रियों यथा नाक, मुँह व कान से पर्याप्त दूरी रखे।
होली खेल के पश्चात अगर आपको त्वचा पर इरिटेशन फील हो अथवा लाल रेशेज दिखाई देने लगे तो आप ग्लिसरीन व गुलाब जल /एलोवेरा जेल मिलाकर लगा लेवे। आराम करें, इसके उपरांत भी अगर समस्या बढ़ने लगे तो मेडिकल एडवाइज लेकर उपाय निकाले।
होली की समस्त हार्दिक शुभकामनाएं।