इजरायल- गोलान हाइट्स पर बंटता हुआ विश्व।
1967 में हुए 6 दिन के युद्ध के बाद इजरायल ने गोलान हाइट्स के बड़े क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित किया था। इस क्षेत्र पर इजरायल के नियंत्रण के पक्ष में अमेरिका द्वारा दी गई हालिया मान्यता के पश्चात इस क्षेत्र के साथ ही सम्पूर्ण विश्व मे राजनीतिक सरगर्मियों में इजाफा हुआ है।
सीरिया ने अमेरिका द्वारा इजरायल के गोलान क्षेत्र के नियंत्रण को प्रदत्त मान्यता के पश्चात इसे यूएन प्रस्ताव का अतिक्रमण बताया गया है जबकि इजरायल द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस घटना का विश्लेषण करने पर गोलान हाइट्स परिक्षेत्र पर इजरायल के नियंत्रण पर आज सिर्फ अमेरिका व कुछ छोटे देश इजरायल के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है।
इसके विपरीत सीरिया, रशिया, ईरान ने अमेरिकी मान्यता को प्रतिकूल बताते हुए इसका विरोध व्यक्त किया है। टर्की, इस्लामिक देशों के संगठन ओइआइसी ने भी चिंता जाहिर की हैं।
प्रभाव
अमेरिका द्वारा ताजा समाचार के अनुसार ईरानी न्यूक्लियर प्रोग्राम पर लगाई गई हालिया रिपोर्ट भी इसी संदर्भ में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हालिया शुक्रवार को गाजा-इजरायल बॉर्डर पर हजारों फिलिस्तीनी नागरिकों द्वारा इजरायल के विरुद्ध उग्र प्रदर्शन भी किया गया है एवम सीमा पर छूट-पुट आक्रमण-प्रत्याक्रमण के भी समाचार है।
अन्य राष्ट्र।
इस ज्वलंत मुद्दे पर विश्व के अन्य राष्ट्र बहुत सोच-समझकर अपना स्टैंड ले रहे है। सभी देश जानते है कि यह एक व्यापक मामला है एवम किसी भी प्रकार की जल्दबाजी या त्वरित बयानबाज़ी को बड़ी गम्भीरता से लिया जाएगा। साथ ही कोई भी देश एक बार आगे बढ़कर भविष्य में यू-टर्न से बचना भी चाहता है।
इसके अलावा निकट भविष्य में इजरायल में चुनाव है एवम अमेरिका को भी आने वाले वर्ष में चुनाव देखना है अतः सभी देश वेट एंड वाच की स्तिथि में है।
तेल अबीब से दूतावासों का येरुशलम में स्थानांतरण।
अमेरिका द्वारा अपने दूतावास को तेल अबीब से यरूशलेम स्थानांतरित करने की घोषणा के साथ ही क्षेत्र में सरगर्मियों में इजाफा भी हुआ हैं। अमेरिका के बाद रोमानिया व ग्वाटेमाला ने भी येरुशलम में दूतावास खोलने की बात को आगे बढाया है।
अरब लीग
22 सदस्यों वाली अरब लीग में अभी सीरिया की सदस्यता निलंबित है। नवम्बर 2011 में प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार के कारण सीरिया की निलंबित सदस्यता को मार्च 19 में अरब लीग की ट्यूनीशिया में होने वाली बैठक में फिलहाल निलंबन हटाने हेतु एजेंडा नही है।
उपरोक्त क्रम में अभी भविष्य में बहुत कुछ बदलने की उम्मीद बेशक कम हो परन्तु सम्भावनाओं का अपना संसार होता है।