राजस्थान- लोक देवताओ की भूमि।
हमारा राजस्थान वीर प्रसूता भूमि के नाम से विश्वपटल पर अपनी अनूठी पहचान रखता हैं। राजस्थान के वीरवर पुरषो और सती नारियों ने इस भुधरा को पावन भूमि का दर्जा प्रदान किया हैं।
राजस्थान में अनेक लोक देवताओ ने अलग अलग कालखण्ड में अवतरित होकर मानवता की राह दिखाई है। राजस्थान के लोक देवताओ में बाबा रामदेव, पाबूजी, हड़बूजी, गोगाजी, तेजाजी, जाम्भाजी प्रमुख हैं।
राजस्थान के जोधपुर में जोधपुर -जैसलमेर रेलमार्ग व सड़कमार्ग से जुड़े बाबा रामदेवजी के भक्तों की संख्या अपरिमित है। भारत के विभिन्न राज्यो विशेषकर गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार आदि से लाखों जातरू बाबा के मेले में दर्शनार्थ आते हैं। प्रत्येक पखवाड़े की बीज और दशमी को भी जातरुओं की भीड़ उमड़ती हैं।
रामदेवरा में जातरुओं की सुविधा हेतु पूर्ण व्यवस्था है एवं आवागमन की पूर्ण सुविधा उपलब्ध है। रामदेवरा की जोधपुर से दूरी सड़क व रेल मार्ग द्वार करीबन 3 घण्टे हैं।वर्तमान युग में बाबा की जीवन शिक्षा अत्यंत अहम व अनुकरणीय है।
जोधपुर में ही हमारे दूसरे लोक देवता पाबूजी का मंदिर भी रामदेवरा के नजदीक है। यहाँ सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पंहुचा जा सकता है। ग्राम कोलू में पाबूजी का अत्यंत प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में उत्कीर्ण शिलालेख इतिहास की महत्वपूर्ण धरोहर है।
वर्तमान में इस मंदिर के निकट एक संग्रहालय निर्माणाधीन है। इस मंदिर के निकट “पाबूजी का ओरण” है जो कि लगभग 18000 बीघा क्षेत्र में विस्तारित हैं। इतना विशाल ओरण अन्यत्र मिलना मुश्किल हैं। इस विशाल ओरण में पशुधन विचरण करता है एवं इसी क्षेत्र में अनेक छतरियां व एक प्राचीन बेरी भी दर्शनीय हैं।
मारवाड़ में ही ओसियाँ क्षेत्र में सच्चियाय माताजी के अत्यंत प्राचीन मंदिर के अलावा एक मंदिर श्रंखला उपलब्ध हैं। यह समय की मांग है कि प्रशासन इन प्राचीन परन्तु उपेक्षित भग्नावेषो पर ध्यान देवे और हमारी विराट संस्कृति की सुरक्षा करे।
सादर।