विद्यालय योजना: अर्थ, आवश्यता, शब्दावली, क्षेत्र, अपेक्षाएं, प्रारूप, मूल्यांकन प्रतिवेदन, समयसारिणी व योजना निर्माण।
विद्यालय योजना
योजना का अर्थ -किन्हीं पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को निश्चित अवधि में प्राप्त करने के लिए आवश्यक साधन सुविधाओं का ध्यान रखते हुए भविष्य की कार्यविधि सम्बन्धी लिए जाने वाले निर्णयों का व्यवस्थित स्वरुप ही योजना है ।
विद्यालय योजना
विद्यालय में सत्र पर्यन्त चलने वाले शैक्षिक, सहशैक्षिक एवं परिवीक्षण सम्बन्धी कार्यक्रमों का चयन एवं उनकी समयबद्ध क्रियान्विति सम्बन्धी सोपानों का विस्तृत विवरण ही विद्यालय योजना हैं । सत्र 1972-73 से राज्य की समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इसे अनिवार्य कार्यक्रम के रूप में लागू किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 की अपेक्षाओं एवं आवश्यकताओं के कारण विद्यालय योजना की संकल्पना में परिवर्तन परिवर्धन किया गया है ।
विद्यालय योजना की आवश्यता
विद्यालय योजना विद्यालय की अनुभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई जाती है । यह विद्यालय की ज्वलन्त समस्याओं का समाधान कर उसके हर क्षेत्र में उन्नयन का कार्य करती हैं । ।विद्यालय योजना के द्वारा ही शिक्षा में नवाचारों का प्रभावी ढंग से उपयोग करना संभव होता है । इससे उत्तरदायित्व का बोध होता रहता हैं तथा शिक्षकों में सहयोगात्मक प्रवृत्ति विकसित की जाती है ।
विद्यालय योजना निर्माण में सहभागित्व
योजना हेतु चर्चा एवं निर्माण में शाला के प्रधानाध्यापक, समस्त शिक्षक , छात्र, अभिभावक एवं शाला विकास समिति की सहभागिता अपेक्षित है ।
विद्यालय योजना में प्रयुक्त शब्दावली
1. क्षेत्रवार समस्याओं का सूचीकरण
2. प्राथमिकता वाले कार्यों का निर्धारण
4. वर्तमान स्थिति
3. मानक न्यूनतम अपेक्षाएं
5. उपलब्ध संसाधन (मानवीय एवं भौतिक )
6. लक्ष्यों का निर्धारण
7. क्रियान्विति सम्बन्धी सोपान एवं समयावधि निर्धारण
8. प्रभारित्व
9. परिवीक्षणप्रबोधन एवं मूल्यांकन
विद्यालय योजना के क्षेत्र
1. शैक्षिक 2. सहशैक्षिक 3. भौतिक 4. अध्यापक उन्नयन 5. जिला स्तर पर चयनित विशेष कार्यक्रम 6. विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय कार्यक्रम 7. अन्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अपेक्षाएँ
1. शिक्षा के सार्वजनीकरण हेतु प्रयास
(अ) सार्वजनिक पहुँच (ब) सार्वजनिक नामांकन एवं ठहराव
(स) सार्वजनिक शैक्षिक दक्षता या न्यूनतम अधिगम स्तर
2. अपव्यय एवं अवरोधन रोकना
3. शालाओं में शैक्षिक व भौतिक सुविधाएं उपलब्ध कराना
4. विज्ञान एवं गणित शिक्षण सुधार
5. नैतिक शिक्षाकला शिक्षा, कार्यानुभवस्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षाविकलांग बालकों की शिक्षा इत्यादि
पर विशेष ध्यान देना ।
6. शिक्षक प्रशिक्षण एवं शिक्षक प्रतियोगिताएँ इत्यादि ।
विद्यालय योजना निर्माण का प्रारूप
(अ) परिचयात्मक- 1. विद्यालय का नाम एवं सत्र 2. विद्यालय का परिचय एवं इतिहास
3. संस्था प्रधान एवं योजना प्रभारी का नाम एवं योग्यता 4. विद्यालय की छात्रसंख्या
5. विद्यालय की संस्थापन सूचना 6. विद्यालय भवन संबंधी पूर्ण विवरण
7. विद्यालय में उपस्कर एवं उपकरण संबंधी विस्तृत विवरण 8. खेल के मैदान
9. पुस्तकालय की स्थिति 10. गत परीक्षा परिणाम
11 सत्र में उपलब्ध कार्य दिवसों की संख्या 12. बजट
(ब) विद्यालय द्वारा चयनित योजना बिन्दु
1. विद्यालय की क्षेत्रवार विविध आवश्यकताएं
2. गत सत्र में किये गये कार्य
3. इस सत्र हेतु चयनित एवं प्रस्तावित कार्यों का विवरण
(प्रत्येक कार्य के लिए पृथक पृथक योजना बनाई जाए)
-क्षेत्र,कार्य का नाम- आवश्यकता एवम महत्व।
-वर्तमान स्थिति-निर्धारित लक्ष्य, उपलब्ध साधन सुविधाएं।
मूल्यांकन विधि एवं प्रबोधन
विशेष -लक्ष्यों का निर्धारण स्पष्ट, अग्रसरता, मापन योग्य, गणितीय या प्रतिशत में व्यक्त किया जाना चाहिए व क्रमबद्धता, सार्थकता एवं आवश्यकतानुसार परिवर्तन करने का लचीलापन हो ।
(स) विद्यालय योजना का मूल्यांकन प्रतिवेदन
(द) समय सारिणी
विद्यालय योजना का निर्माण कर 15 मई तक संबंन्धित अधिकारी को अनुमोदनार्थ प्रेषित कर दी जानी चाहिए । सम्बन्धित अधिकारी समीक्षा कर अनुमोदनसुझाव की सूचना संस्था को दे ।
प्रधानाध्यापक विद्यालय योजना से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं पर विचार करें :
(अ) योजना निर्माण :-
क्या आपने
1. बैठक कर प्राथमिकता वाले कार्यों का निर्धारण कर लिया है ।
2. न्यूनतम मानक अपेक्षाओं का ध्यान रखा है।
3. नवाचारों व समुन्नयन कार्यों को सम्मिलित किया है ।
4. उपलब्ध संसाधनों के आधार पर व्यवहारिक योजना का निर्माण किया है ।
5. क्षेत्रवार चयनित कार्यक्रमों के लक्ष्य स्पष्ट मापन योग्य, गणितीय मान या प्रतिशत में व्यक्त किया गया हों। ।
6. क्रियान्विति के चरणों में समयसीमा, प्रभारित्व इत्यादि निर्धारित किये है ।
7. योजना की एक प्रति ग्रीष्मावकाश के पहले उच्च अधिकारियों के प्रेषित करने के बाद एक प्रति प्र. अ. कक्ष में स्टाफ के अवलोकनार्थ प्रदर्शित कर दी है ।
(ब) प्रबोधन एवं मूल्यांकन-
क्या आपने
1. विद्यालय योजना का मासिक प्रबोधन किया है ।
2. स्टाफ बैठक में प्रगति की समीक्षा कर वांछित मार्गदर्शन प्रदान किया है ।
3. मूल्यांकन प्रतिवेदन तैयार कर उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दिया है ।
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