स्माइल कार्यक्रम : सम्पूर्ण जानकारी।
स्माइल कार्यक्रम का परिचय
“स्माइल कार्यक्रम” राजस्थान स्कूल शिक्षा विभाग का एक अभिनव नवाचारी कार्यक्रम है जिसके माध्यम से कोरोना वायरस से बचाव हेतु राजस्थान राज्य में जारी लॉकडाउन में लाखों विद्यार्थियों को घर पर रहते हुए उनके लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई है।
SMILE का अर्थ/आशय
SMILE का आशय Social Media Interface for Learning Engagement है। इस का शाब्दिक आशय सोशल मीडिया के संयोजन से विद्यार्थियों में अधिगम सक्रियता को बनाये रखना है। इसी प्रयास के तहत राजस्थान स्कूल शिक्षा विभाग ने इस नवाचारी कार्यक्रम को आरम्भ कर विद्यार्थियों के ऑनलाइन अध्ययन का कार्यारम्भ किया है।
कार्यक्रम के चरण
इसमे राज्य स्तर पर विद्यार्थियों हेतु उपयोगी शैक्षणिक सामग्री को चयनित करने के पश्चात सम्भाग/जिला माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर तक प्रेषित किया जाता है। ग्राम पंचायत स्तर पर इस शैक्षिक सामग्री को अभिभावकों के माध्यम से विद्यार्थियों तक प्रेषित किया जा रहा है।
सोशल मीडिया का उपयोग।
स्माइल कार्यक्रम के संचालन में सोशल मीडिया का बहुत प्रभावी इस्तेमाल किया जा रहा है। सोशल मीडिया के एक प्रमुख प्लेटफार्म whatsapp व्हाट्सएप का इस्तेमाल करके हजारों की सँख्या में अभिभावकों के ग्रुप बनाये गए है। इतनी बड़ी सँख्या में ग्रुप निर्माण शायद ही किसी राज्य में इससे पहले हुआ हो।
इन व्हाट्सएप ग्रुप्स का वर्तमान में विद्यार्थियों को घर बैठे अध्ययन करवाने के लिए किया जा रहा है। इस लॉकडाउन पीरियड के बाद भी इन ग्रुप्स की उपादेयता बनी रहेगी।नीं ग्रुप्स का उपयोग करके अभिभावकों से महत्वपूर्ण सम्वाद प्रक्रिया बनेगी तथा विद्यार्थियों का बहुमुखी विकास सम्भव हो सकेगा।
स्माइल कार्यक्रम में पीईईओ की भूमिका
स्माइल कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्र हेतु पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी एवम शहरी क्षेत्र में FTB (फ्री टेक्स्ट बुक) नोडल मुख्य भूमिका है। राज्य स्तर से प्राप्त होने वाली शैक्षिक सामग्री को आगे व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा विद्यार्थियों तक भेजने की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे।
इसी क्रम में इनके द्वारा ही ऑनलाइन शिक्षण प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतु दो प्रकार के व्हाट्सएप ग्रूपबका निर्माण किया गया है। ये व्हाट्सएप ग्रुप अभिभावकों व शिक्षकों हेतु बनाये गए है। पीईईओ ही इनके ग्रुप एडमिन है तथा इन ग्रुप्स को ओनली एडमिन मेसेज सेटिंग पर रखा जाना है ताकि विषय से अतिरिक्त कोई अन्य पोस्ट इन ग्रुप्स में नही हो।
अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका
स्माइल कार्यक्रम में अभिभावकों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। अभिभावकों का इस कार्यक्रम में सक्रिय व सहयोगी भूमिका है। अपने मोबाइल हैंडसेट पर व्हाट्सएप से प्राप्त विषय सामग्री को वे विद्यार्थी तक पहुचाएंगे। इस प्रकार उनका सीधा दखल रहेगा तथा वे दैनिक प्राप्त होने वाली सामग्री से भी अवगत रहेंगे तथा अपने बच्चों की शैक्षणिक लब्धि तथा अधिगम से भी परिचित रहेंगे।
शैक्षिक सामग्री का चयन।
राज्य स्तर पर छात्रोपयोगी शैक्षणिक सामग्री का चयन किया जा रहा है। वर्तमान में एनसीईआरटी के वेबपोर्टल, ई-पाठशाला, दिक्षा व अन्य ओपन सोर्स पर उपलब्ध सामग्री का राज्य के परिपेक्ष्य में चयन किया जाता है। इसी के साथ ही निकट भविष्य में राज्य में राजकीय पाठ्यक्रम के आधार पर सामग्री का निर्माण भी किया जाना है।
शिक्षक सहयोग
राजकीय सेवा के सभी शिक्षक इस सम्पूर्ण प्रक्रिया के रचनात्मक सहयोगी है। वे सक्रिय रूप से अपनी कक्षा/विषय से सम्बंधित सामग्री का अवलोकन, विश्लेषण करते हुए विद्यार्थियों की सहायता करेंगे। वे स्वयम की भी सामग्री तैयार कर सकते है तथा निर्मित TLM/ शैक्षणिक कंटेंट को राज्य स्तर पर brajabasi.ruchita@bcg.com भेज सकेंगे। यह कंटेंट 4-5 मिनट का वीडियो इत्यादि प्रारूप में हो सकता है।
स्माइल कार्यक्रम का भविष्य
इस लॉकडाउन पीरियड में सम्पूर्ण राष्ट्र ने कई नई विचारधारा को समझा है एवं तदनुसार भविष्य की कार्ययोजना निर्मित होगी। स्माइल कार्यक्रम के तहत एक बहुत विशाल प्लेटफॉर्म का निर्माण हुआ है। 85 लाख से अधिक विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षण प्रक्रिया से जोड़ना अपने आप मे एक इतिहास का निर्मित होने के समान है।
स्माइल कार्यक्रम का भविष्य बहुत उज्ज्वल है एवम आने वाले समय मे इस कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन द्वारा “नेशनल एज्युकेशन क्वालिटी इंडेक्स” में राजस्थान को निश्चित रूप से बहुत लाभ होना है।