सुपर टीचर्स सीरीज: सुश्री सरिता चौधरी, राप्रावि काडा, राजसमन्द, राजस्थान।
स्कूल के एक छोटे विद्यार्थी को नहलाने की तस्वीर ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी एवं सुश्री सरिता चौधरी को एक ऑइकन टीचर का दर्जा मिल गया। सरिता के समर्पित नजरिए ने ना केवल पहचान दी साथ ही और बेहतर कार्य करने हेतु प्रेरित किया।
तहसील नवलगढ़ के एक छोटे से ग्राम चोराड़ी अथुनी के श्री महेंद्र सिंह व श्रीमती मुन्नी देवी की पुत्री सरिता ने मात्र 19 वर्ष की आयु में एक शिक्षक के रूप में अपना कैरियर आरम्भ किया एवं आज वे राप्रावि काडा, राजसमन्द में कार्यरत है।
2016 में जब सरिता चौधरी ने वर्तमान विद्यालय में कार्यग्रहण किया तब स्कूल में नामांकन 30 था। 50 भील परिवारों की ढाणी “काडा” में अधिकांश बच्चे आंगनवाड़ी व राजकीय स्कूल में नामांकित है। वर्तमान में विद्यालय का एनरोलमेंट 42 है।
इस समर्पित अध्यापिका ने स्कूल में गुणात्मक शिक्षण सुनिश्चित करने हेतु स्थानीय परिवेश का अध्ययन कर सामंजस्य स्थापित किया। आज इस छोटे से विद्यालय में बिजली फिटिंग, कम्प्यूटर, टीवी, रंगीन प्लास्टिक फर्नीचर, खिलौने इत्यादि जनसहयोग से उपलब्ध है। विद्यालय विकास में सरपंच श्री शंकर लाल का पूर्ण सहयोग है।
सुश्री चौधरी शिक्षा के गुणात्मक सुधार हेतु प्रयत्नशील है। नवोदय क्रांति शैक्षिक ग्रुप की सदस्य इस अध्यापिका ने विद्यार्थियों के सुंदर हस्तलेख हेतु प्रयास आरम्भ किये है। इस हेतु एक हस्तलेख प्रतियोगिता भी माह मई 2019 में आयोजित की गई है।
सुश्री चौधरी ने बताया कि उनके हरियाणा बेस शिक्षक ग्रुप “नवोदय क्रांति”, जो कि शैक्षिक गुणात्मक सुधार हेतु प्रयासशील है, के श्री ओमप्रकाश सिवाच विद्यार्थियों के सुंदर हस्तलेख हेतु सभी को सम्बलन प्रदान करते है। उन्ही से प्रेरित होकर विद्यार्थियों के हस्तलेख सुधार हेतु वे प्रयत्नशील है।
एक छोटे से विद्यालय की यह शिक्षिका अपने प्रबोधक साथी श्री भूपेंद्र नन्दवाना के साथ निरन्तर प्रयासरत है। इस हेतु वे स्थानीय पीईओ श्री राकेश कुमार मेनारिया के मार्गदर्शन की आभारी हैं।