दी लॉयन किंग: जंगल के नन्हे राजकुमार “सिम्बा” ने जीत लिया भारत का दिल।
डिजनी द्वारा निर्मित यह फ़िल्म जीव जन्तुओं, पक्षियों, जानवरों व प्रकति की अलग दुनिया की सैर कराने में पुर्णतः सक्षम है। भावनाओं की अभिव्यक्ति का यह फ़िल्म एक नया माइलस्टोन स्थापित कर देती है।
अपने पहले दृश्य से ही फ़िल्म लीडरशिप व राजा में देवत्व के भाव को स्थापित कर देती है जिसे फ्रेम दर फ्रेम आगे परिभाषित किया जाता है। जंगल में भी जानवरों के बीच इंसानी स्वार्थ, महत्वकांशा, षडयंत्र व विचार विभेदता को देखना थोड़ा अजीब जरूर लगता है लेकिन फ़िल्म टोटेलिटी में अच्छा प्रभाव छोड़ती है।
कहानी
गौरव भूमि के महाराज मोफासा (बब्बर शेर) के बेटे नन्हे सिम्बा (शावक) को भावी युवराज बनाने की तैयारी की जा रही है। मोफासा के कठोर अनुशासन के कारण मोफासा का भाई, लकड़बग्घे व अन्य लालची जानवर मोफासा को मारने का षड्यंत्र रचते है।
मोफासा सिम्बा को बचाने की कोशिश में मारा जाता है एवं अपने चाचा की गलत सीख के कारण छोटा सा सिम्बा गौरव घाटी छोड़ कर भाग जाता है । नन्हे सिम्बा को जंगल के दूसरे सीधे-साधे जानवरों का सहारा मिलता है। शाकाहारी जानवरों के साथ पलता सिम्बा भी उन जैसा हो जाता है।
उधर गौरव घाटी में अराजकता फेल जाती है तब सिम्बा घाटी में लौट कर अपने पिता की मौत का बदला भी लेता है वापस सुशासन स्थापित करता है। उसको अपनी माँ व प्रेमिका भी मिल जाती है।
सम्वाद:
1. क्या ले सकते है यह आम लोगो की सोच है, क्या दे सकते है यह एक राजा की सोच होती है।
2. एक राजा को हर किसी का आदर करना पड़ता है।
3. अगर किसी का शिकार करना है तो पहले हवा का रुख पहचाननी होगी।
4. कोई भी अपने भाग्य से नही भाग सकता।
5. सबक सिखाना भी तो बाप का फर्ज है।
6. बहादुरी दिखाने की चीज नही है, बहादुरी तब दिखाओ जब इसकी जरूरत है।
7. हमारे पूर्वज सितारे बन कर हमेशा हमारे साथ रहते है।
8. जब लाइफ अपने को टेंशन दे तो टेंशन को टेंशन मत दो।
9. नारा: (स्लोगन) मतलब दो अक्षर का फ़ंडा जिसको सुन के कलेजा ठंडा।
10. जो कुछ नही होते वो भी खास होते है।
फ़िल्म आरम्भ व अंत मे बहुत तीव्र है। कथा रोचक है व पटकथा मानवीय गुणों से सुसज्जित है। फ़िल्म में स्पेशल इफेक्ट्स बहुत उच्च क्वालिटी के है। फ़िल्म बच्चों के साथ ही हर आयु वर्ग को लुभा रही है।
नन्हे सिम्बा को आप लंबे समय तक नही भुला सकते। फ़िल्म का म्यूजिक अच्छा है। डबिंग का स्तर ठीक है। आप इस रोचक फ़िल्म को अपने परिवार के सदस्यों के साथ देख सकते है। अंत में फिर कहना चाहता हूँ कि नन्हा राजकुमार “सिम्बा” फ़िल्म की जान है।