शिक्षकों हेतु कल्याणकारी योजनाएँ
शिक्षा विभाग के शिक्षकों के कल्याणार्थ राज्य में प्रमुख रूप से निम्नांकित योजनाएं प्रचलित है –
(1) राजस्थान शिक्षा विभाग हितकारी निधि
शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारियों यथा शिक्षक, कर्मचारी लिपिक, अध्यापक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी), अधिकारियों के कल्याणार्थ यह योजना प्रारम्भ की गई है । इस योजना के अन्तर्गत शिक्षकों / कर्मचारियों को सहायता प्रदान की जाती है ।
वर्ष में एक बार दिसम्बर माह में कर्मचारियों / शिक्षकों के वेतन से अभिदान प्राप्त कर निधि में जमा कराया जाता है । अभिदान की राशि का निर्धारण विभाग द्वारा गठित समिति द्वारा किया जाता है ।
शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक कर्मचारी इसके सदस्य होगें । अध्यक्ष के अनुमोदन से बाहर के व्यक्तियों से भी दान स्वीकार किया जा सकता है ।
बिमारी अथवा अन्य आधार पर ऋण / सहायता प्राप्त करने के लिए निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होता हैं।
नोट :- विस्तृत अध्ययन हेतु देखे शिविरा पत्रिका जनवरी -05 एवं अप्रेल- 05
(2) राष्ट्रीय शिक्षक कल्याण प्रतिष्ठान
राष्ट्रीय शिक्षक कल्याण प्रतिष्ठान की स्थापना चेरीटेबल एन्डोमेन्ट एक्ट 1980 के अन्तर्गत वर्ष 1962 में भारत सरकार द्वारा शिक्षकों के कल्याणार्थ की गई है । राजस्थान राज्य में यह योजना वर्ष 1966 से
प्रारम्भ की गई है । राज्य में इस कोष का संचालन शिक्षा मंत्री महोदय की अध्यक्षता में गठित एक कार्यकारणी समिति द्वारा किया जाता है । निदेशक माध्यमिक राजस्थान बीकानेर इस समिति के पदेन सचिव कोषाध्यक्ष है ।
(3) समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना
(अ) योजना 1.5.95 से राज्य सरकार के समस्त अधिकारियों कर्मचारियों पर लागू ।
(व) योजना का संचालन राज्य बीमा एवं प्रा. नि. विभाग पृथक इकाई द्वारा कियाजाता है ।
(स) प्रतिवर्ष समान रूप से अप्रेल माह में 150/- की कटौति ।
(4) मंडल एवं राज्य स्तर पर शिक्षक सम्मान समारोह ।
(5)शिक्षकों के शैक्षिक एवं व्यवसायिक उन्नयन हेतु विभिन्न प्रशिक्षणों /सम्मेलनों /प्रतियोगिताओं आयोजन ।